कम्प्यूटर के ऑन होने पर मॉनीटर स्क्रीन पर डॉस प्रॉम्ट प्रदर्शित होने तक की प्रक्रिया को बूटिंग कहा जाता है!ऑपरेटिंग सिस्टम विन्डोज 95 और इसके बाद के संस्करणों में विन्डोज के खुलने तक की प्रक्रिया को बूटिंग कहते हैं !
बूटिंग दो तरह की होती है –
कोल्ड बूटिंग--
जब कम्प्यूटर को उसके पावर स्विच के द्वारा ऑफ करने के बाद दुबारा ऑन करके बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को कोल्ड बूटिंग कहा जाता है!
वार्म बूटिंग--
जब कम्प्यूटर को उसकी प्रोसेसिंग यूनिट के सामने वाले भाग पर दिए गए रीसेट बटन दबाकर अथवा ‘की-बोर्ड’ पर Ctrl, Alt और Del तीनों ‘कीज’ को एक साथ दबाकर बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को वॉर्म बूटिंग कहा जाता है!
बूटिंग दो तरह की होती है –
कोल्ड बूटिंग--
जब कम्प्यूटर को उसके पावर स्विच के द्वारा ऑफ करने के बाद दुबारा ऑन करके बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को कोल्ड बूटिंग कहा जाता है!
वार्म बूटिंग--
जब कम्प्यूटर को उसकी प्रोसेसिंग यूनिट के सामने वाले भाग पर दिए गए रीसेट बटन दबाकर अथवा ‘की-बोर्ड’ पर Ctrl, Alt और Del तीनों ‘कीज’ को एक साथ दबाकर बूट किया जाता है, तो इस प्रकार की बूटिंग को वॉर्म बूटिंग कहा जाता है!
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